दुर्गा पूजा- Durga Pooja PDF Book - by Swami Satyanand Saraswati

दुर्गा पूजा- Durga Pooja PDF Book – by Swami Satyanand Saraswati

“Durga Pooja Book – माँ दुर्गा की पूजा विधि, मंत्र, आरती और व्रत कथाओं का संपूर्ण संग्रह। शक्ति उपासना के लिए अभी पढ़ें!”

“दुर्गा पूजा बुक – नवरात्रि और विशेष अनुष्ठानों के लिए माँ दुर्गा की पूजा विधि, चालीसा, स्तुति और मंत्रों का संकलन।”

“Durga Pooja – माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए संपूर्ण पूजा विधि, हवन मंत्र, कथा और आरती का विस्तृत मार्गदर्शन।”

“Durga Pooja Book – शक्ति साधना और माँ दुर्गा की पूजा के नियम, मंत्र, आराधना पद्धति और व्रत कथा का प्रामाणिक स्रोत।”

“दुर्गा पूजा पुस्तक – भक्तों के लिए माँ दुर्गा की उपासना, चंडी पाठ, सप्तशती स्तोत्र और विशेष अनुष्ठान विधि का संकलन।”

Book Details / किताब का विवरण 

Book Nameदुर्गा पूजा / Durga Pooja
AuthorSwami Satyanand Saraswati
Languageसंस्कृत / Sanskrit
Pages34
QualityGood
Size18 MB

Given Below Download Link...

Download Now

Table of Contents

Durga Pooja Book

दुर्गा पूजा न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण पर्व भी है। दुर्गा पूजा बुक एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें माँ दुर्गा की पूजा से संबंधित विधि-विधान, अनुष्ठान, पौराणिक कथाएँ और आध्यात्मिक महत्व का विस्तृत वर्णन किया गया है। यह पुस्तक विशेष रूप से उन भक्तों और साधकों के लिए लिखी गई है, जो माँ दुर्गा की उपासना को सही विधि से करना चाहते हैं और उनके दिव्य स्वरूप की गहराई को समझना चाहते हैं।

दुर्गा पूजा बुक की विशेषताएँ:

  1. माँ दुर्गा का परिचय: इसमें माँ दुर्गा के स्वरूप, शक्तियों और विभिन्न रूपों का विस्तृत वर्णन किया गया है।
  2. पूजा विधि: दुर्गा पूजा की सही प्रक्रिया, मंत्रोच्चारण, पूजन सामग्री और अनुष्ठानों की जानकारी दी गई है।
  3. नवरात्रि व्रत एवं अनुष्ठान: नवरात्रि के नौ दिनों में माँ दुर्गा की आराधना करने की विधियाँ और उसके लाभ बताए गए हैं।
  4. पौराणिक संदर्भ: देवी दुर्गा की कथाएँ, शक्ति का उद्भव, महिषासुर वध और अन्य पौराणिक घटनाएँ दी गई हैं।
  5. आध्यात्मिक एवं ज्योतिषीय महत्व: दुर्गा पूजा का आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से क्या प्रभाव होता है, इसका विश्लेषण किया गया है।
  6. साधना और तांत्रिक पहलू: दुर्गा साधना और तांत्रिक अनुष्ठानों की चर्चा की गई है।
  7. समाज और संस्कृति पर प्रभाव: इस पुस्तक में दुर्गा पूजा का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी बताया गया है।
  भार्गवाज़ स्टैण्डर्ड इलस्ट्रेटेड डिक्शनरी ऑफ़ द हिंदी लैंग्वेज- Bhargava's Standard Illustrated Dictionary Of The Hindi Language [ Hindi English Edition ]

दुर्गा पूजा का पौराणिक और आध्यात्मिक संदर्भ

1. माँ दुर्गा का स्वरूप और महत्त्व

  • माँ दुर्गा को शक्ति, परम चेतना और दिव्य ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।
  • उनके विभिन्न रूपों में महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती प्रमुख हैं।
  • माँ दुर्गा का वर्णन मार्कंडेय पुराण, दुर्गा सप्तशती और अन्य ग्रंथों में मिलता है।
  • वे महिषासुर का वध करने वाली, भक्तों की रक्षा करने वाली और संसार की रक्षा करने वाली शक्ति हैं।

2. महिषासुर वध की कथा

  • एक समय असुरों का राजा महिषासुर अजेय हो गया था और देवताओं को हराकर स्वर्ग पर अधिकार कर लिया था।
  • तब सभी देवताओं ने मिलकर अपनी शक्तियों का संयोग किया और माँ दुर्गा को उत्पन्न किया।
  • माँ दुर्गा ने नौ दिनों तक युद्ध किया और दसवें दिन महिषासुर का वध किया।
  • इसी कारण दशहरा को असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है।

दुर्गा पूजा की विधियाँ और अनुष्ठान

1. दुर्गा पूजा की तैयारी

  • पूजा स्थल को स्वच्छ कर माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र स्थापित किया जाता है।
  • नौ दिनों तक देवी की विशेष आराधना की जाती है।
  • घटस्थापना (कलश स्थापना) की जाती है, जो देवी के स्वागत का प्रतीक है।

2. पूजा विधि

  • स्नान एवं संकल्प: सबसे पहले स्नान करके शुद्ध होकर संकल्प लिया जाता है।
  • मंत्रोच्चारण: दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का पाठ किया जाता है।
  • अर्चना एवं पुष्पांजलि: फूल, अक्षत, कुमकुम आदि चढ़ाए जाते हैं।
  • आरती एवं प्रसाद वितरण: देवी की आरती कर भोग अर्पित किया जाता है और भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाता है।
  संस्कृत साहित्य की कहानी - Sanskrit Sahitya Ki Kahani Hindi PDF Book - by Urmila Modi

3. दुर्गा सप्तशती पाठ का महत्व

  • दुर्गा सप्तशती में 700 श्लोक होते हैं, जिन्हें पढ़ने से शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
  • यह ग्रंथ तीन मुख्य भागों में विभाजित है – प्रथम चरित्र (महाकाली), मध्यम चरित्र (महालक्ष्मी) और उत्तर चरित्र (महासरस्वती)
  • इस पाठ को करने से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।

4. नवरात्रि में दुर्गा पूजा का विशेष महत्व

  • नवरात्रि के नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।
  • यह पूजा शक्ति संधान और आध्यात्मिक जागरण का समय होता है।
  • कुछ भक्त नौ दिनों तक व्रत रखते हैं और केवल फलाहार करते हैं।
  • अष्टमी और नवमी को विशेष हवन और कन्या पूजन किया जाता है।

दुर्गा पूजा का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व

  • भारत में दुर्गा पूजा विशेष रूप से पश्चिम बंगाल, बिहार, असम और उड़ीसा में भव्य रूप से मनाई जाती है।
  • यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि समाज को एकजुट करने वाला उत्सव भी है।
  • दुर्गा पूजा के दौरान नृत्य, संगीत, नाटक और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • माँ दुर्गा को शक्ति और नारी सशक्तिकरण का प्रतीक माना जाता है।

दुर्गा पूजा और तांत्रिक साधना

  • दुर्गा पूजा केवल वैदिक पद्धति से ही नहीं, बल्कि तांत्रिक साधना के रूप में भी की जाती है।
  • इस पुस्तक में कुछ महत्वपूर्ण तांत्रिक अनुष्ठानों का भी वर्णन किया गया है, जैसे:
    • शक्ति साधना: माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष मंत्रों का जाप।
    • कवच साधना: देवी कवच का पाठ कर नकारात्मक शक्तियों से रक्षा की जाती है।
    • रात्रि साधना: नवरात्रि की रात्रियों में विशेष साधनाएँ की जाती हैं।
  स्नान सन्ध्योपासना - Snana Sandhyopasana Hindi PDF Book - by Swami Lakshman Joo

दुर्गा पूजा और ज्योतिषीय दृष्टि

  • माँ दुर्गा की उपासना करने से मंगल, राहु और शनि ग्रहों के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं।
  • जिनकी कुंडली में राहु दोष, मंगल दोष या कालसर्प योग हो, उन्हें दुर्गा पूजा अवश्य करनी चाहिए।
  • दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से सभी ग्रहों के दोष शांत हो जाते हैं।

निष्कर्ष

दुर्गा पूजा बुक केवल पूजा विधि का विवरण नहीं, बल्कि आध्यात्मिक उत्थान का एक गहन ग्रंथ है। यह भक्तों को माँ दुर्गा की महिमा, उनकी पूजा की विधियाँ, पौराणिक कथाएँ, ज्योतिषीय महत्व और साधनाओं के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।

यदि आप माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं और अपनी जीवन की बाधाओं को दूर करना चाहते हैं, तो इस पुस्तक का अध्ययन और दुर्गा पूजा का अनुष्ठान अवश्य करें। यह ग्रंथ केवल धार्मिक ज्ञान ही नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव भी प्रदान करता है, जिससे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *