श्री दुर्गासप्तशती बीज मंत्रात्मक साधना - Shri Durga Saptasati Beej Mantratmak Sadhana Hindi PDF Book - by Baba Shivanand Ji

श्री दुर्गासप्तशती बीज मंत्रात्मक साधना – Shri Durga Saptasati Beej Mantratmak Sadhana Hindi PDF Book – by Baba Shivanand Ji

“‘श्री दुर्गा सप्तशती बीज मंत्रात्मक साधना’ (Shri Durga Saptasati Beej Mantratmak Sadhana) – देवी दुर्गा की कृपा पाने के लिए शक्तिशाली बीज मंत्रों और साधनाओं का विस्तृत संग्रह। आध्यात्मिक साधकों के लिए एक अमूल्य पुस्तक।”

“‘श्री दुर्गा सप्तशती बीज मंत्रात्मक साधना’ (Shri Durga Saptasati Beej Mantratmak Sadhana) पुस्तक में दुर्गा सप्तशती के रहस्यमयी बीज मंत्रों और उनकी साधना विधियों का गहन विवरण दिया गया है।”

“‘श्री दुर्गा सप्तशती बीज मंत्रात्मक साधना’ (Shri Durga Saptasati Beej Mantratmak Sadhana) – देवी दुर्गा की उपासना के लिए एक मार्गदर्शक ग्रंथ जो आध्यात्मिक शक्ति, शांति, और सफलता प्राप्त करने में सहायक है।”

“‘श्री दुर्गा सप्तशती बीज मंत्रात्मक साधना’ (Shri Durga Saptasati Beej Mantratmak Sadhana) पुस्तक में तांत्रिक साधना, बीज मंत्रों का महत्व और उनके उपयोग की विस्तृत जानकारी दी गई है। साधकों के लिए उपयोगी ग्रंथ।”

“‘श्री दुर्गा सप्तशती बीज मंत्रात्मक साधना’ (Shri Durga Saptasati Beej Mantratmak Sadhana) – देवी दुर्गा के बीज मंत्रों के माध्यम से जीवन में शक्ति, साहस, और सकारात्मक ऊर्जा को प्राप्त करने का मार्गदर्शन।”

Book Details / किताब का विवरण 

Book Nameश्री दुर्गासप्तशती बीज मंत्रात्मक साधना / Shri Durga Saptasati Beej Mantratmak Sadhana
AuthorBaba Shivanand Ji
Languageसंस्कृत / Sanskrit
Pages120
QualityGood
Size15 MB

Table of Contents

Shri Durga Saptasati Beej Mantratmak Sadhana Book

‘श्री दुर्गा सप्तशती बीज मंत्रात्मक साधना’ (Shri Durga Saptasati Beej Mantratmak Sadhana) पुस्तक हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथ “दुर्गा सप्तशती” पर आधारित है, जो देवी दुर्गा की उपासना और उनकी शक्तियों के बारे में वर्णन करता है। यह पुस्तक विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए उपयोगी है जो साधना के माध्यम से देवी दुर्गा के आशीर्वाद को प्राप्त करना चाहते हैं और अपने जीवन में समृद्धि, शक्ति, और समृद्धि की कामना करते हैं।

यह पुस्तक बीज मंत्रों की शक्ति और उनके प्रभाव को विस्तार से समझाने के लिए लिखी गई है। बीज मंत्रों का उपयोग मानसिक, शारीरिक, और आत्मिक उन्नति के लिए किया जाता है। यह पुस्तक उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है, जो मंत्र साधना में रुचि रखते हैं और देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए सही और प्रभावी तरीके से साधना करना चाहते हैं।

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पुस्तक की विषयवस्तु

1. दुर्गा सप्तशती का महत्व और भूमिका

इस पुस्तक के पहले भाग में ‘दुर्गा सप्तशती’ के महत्व पर चर्चा की गई है। दुर्गा सप्तशती, जिसे “चंडी पाठ” भी कहा जाता है, एक दिव्य ग्रंथ है जिसमें देवी दुर्गा के तीन रूपों – काली, लक्ष्मी, और सरस्वती – के रूप में उपासना का वर्णन किया गया है। यह ग्रंथ 700 श्लोकों में बंटा हुआ है और इसमें देवी दुर्गा की महिमा, उनकी शक्ति और उनके भव्य रूप का विस्तार से वर्णन किया गया है।

पुस्तक में यह बताया गया है कि दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से मनुष्य की जीवन में आने वाली सभी प्रकार की बाधाएँ समाप्त होती हैं, और उसे मानसिक, शारीरिक, और आर्थिक दृष्टि से समृद्धि मिलती है। यह साधना उस व्यक्ति के लिए अत्यधिक फलदायी होती है जो किसी भी प्रकार की मानसिक परेशानी, आर्थिक संकट या शारीरिक बीमारी से जूझ रहा हो।

2. बीज मंत्रों की साधना विधि

पुस्तक के दूसरे भाग में बीज मंत्रों की विशिष्ट साधना विधि का उल्लेख किया गया है। बीज मंत्र, जो कि शक्तिशाली ध्वनियाँ हैं, साधक की मानसिक स्थिति को जाग्रत करने और उसे उच्चतम आत्मिक स्तर तक पहुँचाने में मदद करते हैं।

बीज मंत्रों का महत्व: पुस्तक में यह स्पष्ट किया गया है कि बीज मंत्रों का अत्यधिक प्रभाव होता है। ये मंत्र व्यक्ति की आत्मा और मन को शुद्ध करते हैं और उसे उच्चतम मानसिक स्थिति में लाते हैं। प्रत्येक बीज मंत्र का विशिष्ट उद्देश्य होता है – कुछ मंत्र शांति के लिए होते हैं, कुछ स्वास्थ्य लाभ के लिए, और कुछ आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति के लिए होते हैं।

बीज मंत्रों का उच्चारण: प्रत्येक बीज मंत्र का उच्चारण विशेष प्रकार से किया जाता है। पुस्तक में मंत्रों के उच्चारण का सही तरीका और समय बताया गया है, ताकि साधक उनका सही तरीके से उपयोग कर सके। इसमें ध्यान दिया गया है कि साधना के समय मानसिक एकाग्रता और शुद्धता बनाए रखना बहुत आवश्यक है।

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3. साधना के लाभ और मानसिक शांति के प्रभाव

पुस्तक के तीसरे भाग में बीज मंत्रों की साधना से होने वाले लाभों का विस्तार से वर्णन किया गया है।

  • मानसिक शांति: इस साधना के माध्यम से साधक मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त कर सकता है। बीज मंत्रों का प्रभाव व्यक्ति के मानसिक तनाव को दूर करने में सहायक होता है।
  • शारीरिक स्वास्थ्य: बीज मंत्रों का जाप शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। यह शरीर में ऊर्जा का संचार करता है और उसे रोग मुक्त रखने में मदद करता है।
  • आर्थिक समृद्धि: देवी दुर्गा की उपासना और बीज मंत्रों का जाप आर्थिक संकटों को दूर करने और समृद्धि लाने में सहायक होता है।
  • व्यक्तिगत समस्याओं का समाधान: यदि व्यक्ति किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत समस्याओं से जूझ रहा है, तो यह साधना उसे मानसिक शांति प्रदान करती है और समस्याओं का समाधान कर देती है।

पुस्तक में यह भी बताया गया है कि यह साधना केवल मानसिक लाभ ही नहीं देती, बल्कि व्यक्ति के जीवन में भौतिक और आध्यात्मिक उन्नति भी लाती है। इसके नियमित अभ्यास से साधक जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकता है।

पुस्तक की शैली और प्रस्तुति

‘श्री दुर्गा सप्तशती बीज मंत्रात्मक साधना’ (Shri Durga Saptasati Beej Mantratmak Sadhana) पुस्तक मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित की गई है:

  1. दुर्गा सप्तशती का महत्व और भूमिका
  2. बीज मंत्रों की साधना विधि
  3. साधना के लाभ और मानसिक शांति के प्रभाव

‘श्री दुर्गा सप्तशती बीज मंत्रात्मक साधना’ (Shri Durga Saptasati Beej Mantratmak Sadhana) पुस्तक की शैली अत्यंत सरल और प्रभावी है। लेखक ने इसे इस प्रकार लिखा है कि यह हर व्यक्ति के लिए समझने में आसान हो। हर श्लोक, मंत्र, और उनकी विधि को बारीकी से समझाया गया है ताकि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह नए साधक हों या अनुभवी, इसे आसानी से समझ सके और अपनी साधना में लाकर लाभ प्राप्त कर सके।

इसके अलावा, पुस्तक में दिए गए श्लोकों और मंत्रों के उच्चारण में कोई जटिलता नहीं है। शुद्ध संस्कृत शब्दों के साथ-साथ सरल हिंदी में भी व्याख्या की गई है, जिससे पाठकों को किसी प्रकार की समस्या नहीं होती।

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निष्कर्ष

‘श्री दुर्गा सप्तशती बीज मंत्रात्मक साधना’ (Shri Durga Saptasati Beej Mantratmak Sadhana) पुस्तक की शैली अत्यंत सरल और प्रभावी है। लेखक ने इसे इस प्रकार लिखा है कि यह हर व्यक्ति के लिए समझने में आसान हो। हर श्लोक, मंत्र, और उनकी विधि को बारीकी से समझाया गया है ताकि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह नए साधक हों या अनुभवी, इसे आसानी से समझ सके और अपनी साधना में लाकर लाभ प्राप्त कर सके।

इसके अलावा, पुस्तक में दिए गए श्लोकों और मंत्रों के उच्चारण में कोई जटिलता नहीं है। शुद्ध संस्कृत शब्दों के साथ-साथ सरल हिंदी में भी व्याख्या की गई है, जिससे पाठकों को किसी प्रकार की समस्या नहीं होती।

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