“Horasar Book – वैदिक ज्योतिष का प्राचीन ग्रंथ, जो भविष्यवाणी, ग्रहों के प्रभाव और कुंडली विश्लेषण की गूढ़ विधियों को उजागर करता है।”
“होरासार – प्रसिद्ध ज्योतिष ग्रंथ, जो फलित ज्योतिष, गोचर और दशाओं की विस्तृत व्याख्या प्रस्तुत करता है। भविष्य जानने के लिए अभी पढ़ें!”
“Horasar – वैदिक ज्योतिष पर आधारित एक अनमोल ग्रंथ, जिसमें जन्म कुंडली, योग, ग्रहों की चाल और भाग्य विश्लेषण के रहस्य छिपे हैं।”
“Horasar Book – ज्योतिष प्रेमियों के लिए एक अनिवार्य ग्रंथ, जो राशियों, ग्रहों और भविष्यवाणी की कला को सरल और प्रभावी तरीके से समझाता है!”
“होरासार – प्राचीन भारत के ख्यातिप्राप्त ज्योतिष ग्रंथों में से एक, जो जन्मपत्रिका और ग्रह योगों के रहस्यों को स्पष्ट करता है। अभी पढ़ें!”
Book Details / किताब का विवरण | |
Book Name | होरासार / Horasar |
Author | Prithuyasas |
Language | संस्कृत / Sanskrit |
Pages | 339 |
Quality | Good |
Size | 9 MB |
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Table of Contents
Horasar Book
होरा सार (Horasara) एक महत्वपूर्ण ज्योतिष ग्रंथ है, जो विशेष रूप से वैदिक ज्योतिष की होरा शास्त्र शाखा से संबंधित है। यह ग्रंथ ज्योतिषीय गणनाओं, ग्रहों के प्रभाव, कुंडली के विश्लेषण, भविष्यवाणी के नियमों और विभिन्न योगों पर विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। यह ग्रंथ पाराशरी ज्योतिष परंपरा से संबंधित है और ज्योतिषियों के लिए एक उपयोगी संदर्भ ग्रंथ माना जाता है।
होरा शब्द का अर्थ है “समय” और सार का अर्थ “सार तत्व”। इस प्रकार, होरा सार का तात्पर्य है “समय की सार्थक व्याख्या”। यह ग्रंथ जन्म कुंडली (नैटल चार्ट), ग्रहों की दशाएं, योग, गोचर और अन्य भविष्यवाणी तकनीकों को विस्तार से समझाता है, जिससे ज्योतिषी किसी भी व्यक्ति के जीवन की घटनाओं की सटीक भविष्यवाणी कर सकता है।
होरा सार की प्रमुख विशेषताएँ
- वैदिक ज्योतिष का संपूर्ण सार: यह ग्रंथ होरा ज्योतिष की गूढ़ अवधारणाओं को सरल भाषा में प्रस्तुत करता है।
- जन्म कुंडली और ग्रहों का प्रभाव: इसमें बारह भावों, बारह राशियों और नवग्रहों के प्रभावों का गहन विश्लेषण किया गया है।
- दशा और गोचर फलादेश: ग्रहों की दशाओं और गोचर की स्थिति के आधार पर भविष्यवाणी करने की विधियाँ दी गई हैं।
- विभिन्न योगों का महत्व: राजयोग, धनयोग, विवाह योग, रोग योग आदि का विस्तृत वर्णन किया गया है।
- प्रश्न ज्योतिष: किसी भी प्रश्न का उत्तर देने के लिए ज्योतिषीय गणनाओं की विधि दी गई है।
- व्यावहारिक उपयोगिता: इसमें न केवल गणनाओं की विधियाँ हैं, बल्कि व्यावहारिक उपाय और समाधान भी बताए गए हैं।
होरा सार की प्रमुख विषयवस्तु
1. जन्म कुंडली और ग्रहों की स्थिति
- किसी भी व्यक्ति के जीवन की घटनाएँ उसकी जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति से निर्धारित होती हैं।
- यह ग्रंथ बताता है कि कौन-से ग्रह शुभ होते हैं और कौन-से अशुभ प्रभाव डालते हैं।
- इसमें बारह भावों (हाउस) का महत्व और उनका मानव जीवन पर प्रभाव समझाया गया है।
2. राशि चक्र और उनका प्रभाव
- बारह राशियाँ और उनके स्वामी ग्रह व्यक्ति के स्वभाव, करियर, विवाह और स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालते हैं।
- यह ग्रंथ बताता है कि प्रत्येक राशि में ग्रहों की स्थिति किस प्रकार परिणाम देती है।
3. दशा प्रणाली और गोचर फलादेश
- विम्शोत्तरी दशा, द्विसप्तति दशा, कालचक्र दशा जैसी विभिन्न दशा प्रणालियों को विस्तार से समझाया गया है।
- गोचर (ग्रहों की वर्तमान स्थिति) के आधार पर किसी व्यक्ति के जीवन की संभावित घटनाओं का पूर्वानुमान किया जाता है।
4. योग और उनका प्रभाव
- होरा सार में विभिन्न शुभ और अशुभ योगों का वर्णन किया गया है, जो किसी व्यक्ति के जीवन में समृद्धि या बाधाएँ ला सकते हैं।
- कुछ प्रमुख योग इस प्रकार हैं:
- राजयोग: यह योग व्यक्ति को उच्च पद, सफलता और प्रसिद्धि दिलाता है।
- धन योग: आर्थिक समृद्धि और धन अर्जन की संभावना इस योग के प्रभाव से बनती है।
- मांगलिक दोष: विवाह में बाधा और संघर्ष उत्पन्न करने वाला योग।
- कालसर्प योग: इस योग के कारण जीवन में उतार-चढ़ाव और बाधाएँ आती हैं।
5. विवाह और संतान से संबंधित भविष्यवाणियाँ
- विवाह की संभावनाएँ, जीवनसाथी का स्वभाव, कुंडली मिलान और दांपत्य जीवन की स्थिति को समझाने के लिए विशेष सूत्र दिए गए हैं।
- संतान प्राप्ति के योग और संबंधित ग्रहों के प्रभावों का विस्तृत विश्लेषण किया गया है।
6. रोग और आयुर्वेदिक ज्योतिष
- व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों के आधार पर उसके स्वास्थ्य की स्थिति का विश्लेषण किया जाता है।
- रोगों के कारण, उनकी चिकित्सा और ग्रह दोषों के उपाय भी बताए गए हैं।
7. व्यवसाय और आर्थिक स्थिति का विश्लेषण
- ग्रहों की स्थिति और कुंडली में धन स्थान की स्थिति के आधार पर व्यक्ति के करियर और व्यापार की संभावनाएँ देखी जाती हैं।
- यह ग्रंथ व्यवसाय की सफलता और विफलता को समझने में सहायक होता है।
8. मुहूर्त और शुभ समय का निर्धारण
- शुभ कार्यों जैसे विवाह, गृह प्रवेश, व्यापार प्रारंभ आदि के लिए उचित मुहूर्त निकालने की विधि दी गई है।
- राहु काल, यमगंड काल और अन्य अशुभ समय को पहचानने की विधि भी समझाई गई है।
9. ग्रह दोष और उनके समाधान
- विभिन्न ग्रह दोषों को दूर करने के लिए उपाय सुझाए गए हैं, जिनमें मंत्र, यज्ञ, रत्न धारण और दान शामिल हैं।
- इन उपायों को अपनाकर व्यक्ति अपने जीवन की समस्याओं का समाधान कर सकता है।
होरा सार का आधुनिक जीवन में महत्त्व
1. ज्योतिषीय मार्गदर्शन
- कुंडली के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन के सही निर्णय ले सकता है।
- करियर, विवाह और धन संबंधी निर्णयों में यह ग्रंथ उपयोगी साबित होता है।
2. मानसिक शांति और समाधान
- ग्रहों के प्रभाव को समझकर व्यक्ति जीवन में संतुलन और शांति प्राप्त कर सकता है।
- ग्रह दोषों की शांति से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
3. आध्यात्मिक उन्नति
- यह ग्रंथ व्यक्ति को आत्मज्ञान और आध्यात्मिक मार्गदर्शन भी प्रदान करता है।
- सही मुहूर्त और ग्रह उपायों से जीवन को सकारात्मक बनाया जा सकता है।
निष्कर्ष
होरा सार एक प्राचीन और अत्यंत महत्वपूर्ण ज्योतिष ग्रंथ है, जिसमें वैदिक ज्योतिष के सभी प्रमुख सिद्धांतों का सार प्रस्तुत किया गया है। यह ग्रंथ जन्म कुंडली, ग्रह दशाओं, योगों और भविष्यवाणियों की विधियों को विस्तार से समझाता है।
यह ग्रंथ न केवल विद्वानों और ज्योतिषियों के लिए उपयोगी है, बल्कि आम व्यक्ति भी इसका लाभ उठा सकते हैं। यह जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने और सही निर्णय लेने में सहायक होता है। होरा सार का अध्ययन करके हम अपने जीवन को संतुलित, सुखद और समृद्ध बना सकते हैं।
अगर आप ज्योतिष में रुचि रखते हैं और अपने भविष्य को समझना चाहते हैं, तो होरा सार का अध्ययन अवश्य करें। यह आपको जीवन में सही दिशा और मार्गदर्शन प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा।
होरासार , Horasar PDF Book , by Prithuyasas,
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